आदिवासी इलाकों में नए रिसॉर्ट को बार लाइसेंस; सरकार का दावा- पर्यटन बढ़ा तो स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

 शराब कारोबार में बड़े समूह लाकर राजस्व बढ़ाने की कोशिशों के बीच मप्र सरकार अब आदिवासी इलाकों से भी पैसा जुटाना चाहती है। नई आबकारी नीति में यह भी तय किया गया है कि नोटिफाइड (अधिसूचित) आदिवासी इलाकों में भी अब नए रिसॉर्ट के लिए बार लाइसेंस दिया जाएगा। इसका शुल्क कितना होगा, यह निर्धारण पर्यटन विभाग की सलाह पर वाणिज्यिक कर विभाग तय करेगा। नेशनल पार्क या टाइगर रिजर्व के आसपास कोई आदिवासी क्षेत्र है तो वहां के रिसॉर्ट यह लागू नहीं होगा।


विभाग का तर्क है कि कई आदिवासी इलाकों में पर्यटन की संभावना है, लेकिन लोग नहीं पहुंच रहे। नए रिसॉर्ट खुलेंगे और बार लाइसेंस दिया जाएगा तो पर्यटन उद्योग बढ़ेगा। इसमें स्थानीय व्यक्ति के लिए रोजगार भी होगा। पिछली कैबिनेट में जब यह मुद्दा आया था, तब जनजातीय मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने विरोध करते हुए कहा था कि आदिवासियों के हाथ से काम छिनेगा। इसी तरह वे फिर भी महुए से शराब बनाते हैं तो पुलिस उन पर केस दर्ज करेगी।